Monthly Archives: September 2015

चाह

सीप का मोती बनू

आंसमा का तारा

मन उपवन खिल जाए

जब सारा जहां हो हमारा।

सागर की मछली बन

घूमूं देश- विदेश

बन कर पंछी

लाऊं गगन से संदेश।

मां की प्यारी बिटिया बनू

पिता की दुलारी

करूं मै हरदम

उमंगों की सवारी।

चाह

एक अच्छी लेखिका बनू

पिरोऊं संवदेनाओं की लडी

झकझोर कर तन और मन

कभी ना रहूं मै अकेली खडी।

चाह

समाज को साथ लिए

चलो सफर मे मिलकर जिएं

आएगें क्षण अनेक नये

जला पाएं जब उजालों के दिए।

चाह

बन कल्पना

उड़ान भरूँ गगन में

बाधाओं से जा टकराऊं

कभी ना मैं घबराऊँ।

चाह

शिक्षा की अलख जगाऊं

दुख हर किसी के हर पाऊं

अंधियारे को दूर भगाऊँ

ग्रामीण विकास में योगदान कर पाऊं।

महिला सशक्तीकरण मेरा ध्येय

बन जाएं वे शिक्षित और अजेय।

@जोया-सन्तोष मलिक चाहार- 10/09/2015

पनघट

पनघट की जमघट

करती दिल पर खटखट

काकी, ताई और सहेली

मिलती सभी वहां अलबेली।

दिल की बातें होती

होती हसीं और ठिठोली

नय़ी नवेली दुल्हन

आती वहां पर सज़धज़

गाती गीत सुरीले

समेटती सवाल नशीले।

पनघट का मेला

सबके आकर्षण का ठेला

बच्चे बूढे और जवान

करते वहां पर दिल कुर्बान।

सर-सर करती बाल्टी और डोल

सभी औरते आपस मे करती मखौल

चमकती दमकती पीतल की टोकनी

धक- धक करती दिल की धौंकनी।

कुम्हार के बने मटके

देते सबको लटके झटके

मीठा पानी, मीठी वाणी

हो जाती कोई याद ताजा पुरानी।

खिलखिलाते होंठ

हिरनी सी चाल

नयी बहुएं, नया श्रृंगार

नव जीवन का होता पनघट पर संचार।

पनघट की छटा निऱाली

मस्त होता देख उन्हें

बच्चा, बूढा और हाली

पीते वे मीठी वाणी की प्याली।

@तोषी–सन्तोष मलिक चाहार@

बोलती आँखे

जब मन हषिर्त होता

तब बोलती आँखे

जब मन हो उदास

तब बोलती आँखे।

जब हृदय वेदना से

कर उठता चीत्कार

तब बोलती आँखे

जब शब्द हो जाए खामोश

तब बोलती आँखे।

अंतर्मन की पीड़ा

जब हंसी की चादर ओढ़े

तब बोलती आँखे

आत्म-सम्मान को

लगती जब चोट

तब बोलती आँखे।

लुटती जब अस्मिता

आहों कराहों का

बन जाता संसार

सब बयां करती

बोलती आंखें।

चीत्कारों का गहरा सागर

अंतर्मन का दंद्व

वागशक्ति होती

पिंजरे में बंद

लेकिन बोलती आँखे।

सहानुभूति की

नहीं दरकार

उठा ली है तलवार

करेगी नारी अब

दुर्जनों पर वार

ये बोलती

मेरी आँखे

तुम्हारी आँखे

सबकी आँखे।

सब मिलकर आओ

रचाएं सुन्दर संसार

ये बोलती हैं

अनगिनत आँखे।

✍️©®” जोया”05/02/2019